Tuesday, December 13, 2011

एक ईमानदार पहल करके तो देखिए!

अपने देश के लोग मुझे चौंकाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। मैं इस बार यह बात दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को अन्ना हजारे के एक दिन के धरना-प्रदर्शन में जुटी भीड़ को देखने के बाद कह रहा हूं। मुझे लग रहा था कि ज्यादातर लोग थक गए होंगे और वहां मुट्ठी भर या ज्यादा से ज्यादा दो-चार सौ लोग पहुंचेंगे, लेकिन उस छोटी सी जगह पर इकट्ठा हुआ जनसैलाब अभिभूत कर देने वाला था। इस पर से कई पार्टियों के नेताओं के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा के बाद सरकार घिरी हुई लग रही है और जरूर चिंतित होगी। अब वह सोच रही होगी कि इस महीने के अंत में रामलीला मैदान में होने वाले बड़े आंदोलन से पता नहीं क्या निकलेगा। ये सब सोचकर ही सरकार के पसीने छूट रहे होंगे।